गुरु पूर्णिमा क्यू मनाई जाती हैं जानिए ।
गुरु पूर्णिमा
नमस्कार दोस्तो आपका बहुत बहुत स्वागत हैं पौराणिक कथा चैनल में हम बात करने जा रहे हैं गुरु पूर्णिमा कें बारे में जी हाँ दोस्तो हम बताएंगे कि गुरु पूर्णिमा क्यू मनाई जाती हैं जानिए यह कथा ।
हिंदू धर्म और शास्त्रों कें अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन गुरु पूजा का विधान है। गुरु पूर्णिमा वर्षा ऋतु के आरम्भ में आती है। इस दिन से चार महीने तक परिव्राजक साधु-सन्त एक ही स्थान पर रहकर ज्ञान की गंगा बहाते हैं। ये चार महीने मौसम की दृष्टि से भी अत्यधिक सर्वश्रेष्ठ होते हैं। न अत्यधिक गर्मी और न अधिक सर्दी। इसलिए अध्ययन के लिए उपयुक्त माने गए हैं। जैसे सूर्य के ताप से तप्त भूमि को वर्षा से शीतलता एवं फसल पैदा करने की शक्ति मिलती है, वैसे ही गुरु-चरणों में उपस्थित साधकों को ज्ञान, शान्ति, भक्ति और योग शक्ति प्राप्त करने की शक्ति मिलती है।
गुरु पूर्णिमा का महत्व - पौराणिक गाथाओं एवं हिंदू धर्म और शास्त्रों की मानें तो अनेक ग्रन्थों की रचना करने वाले भगवान वेदव्यास को गुरु माना गया हैं। बताया जाता हैं कि आज से लगभग 3 हजार ई. पूर्व आषाढ़ माह की पूर्णिमा को महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। तब से ही उनके मान-सम्मान एवं कृतज्ञता व्यक्त करने हेतु आषाढ़ शुक्ल की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा मनाई जाती हैं। इस दिन अत्यधिक जगह लोग भगवान महर्षि वेदव्यास जी कि पूजा करते हैं पूजन कर उनकी ग्रंथो को पढ़ते हैं।
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गुरु पूर्णिमा क्यू मनाई जाती हैं जानिए ।
Reviewed by पौराणिक कथा चैनल
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July 16, 2019
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