उत्तन्ग ऋषि कि भूल के कारण उन्हे नहीं मिला अमृत ।
पौराणिक कथा चैनल
March 05, 2019
उत्तन्ग ऋषि कि भूल के कारण उन्हे नहीं मिला अमृत ।
उत्तन्ग ऋषि
नमस्कार दोस्तो आपका बहुत बहुत स्वागत हैं पौराणिक कथा चेनेल में दोस्तो आज हम बात करने जा हैं महर्षि उत्तन्ग ऋषि के बारे में जी हाँ दोस्तो हम जानेगे ऋषि कि भूल के कारण उन्हे नहीं मिला अमृत ।आइए दोस्तो हम जानते हैं
महाभारत और हिंदू धर्म ग्रंथ के अनुसार जब प्रभु श्री कृष्ण महाभारत युद्घ के समाप्त के बाद हस्तिनापुर से द्वारिका नगरी वापिस लौट रहे थें । तो वहा महर्षि उत्तांग तपस्या कर रहे थें । वह परम तेजस्वी थें उनमे पूरा ब्रह्मांड नष्ट करने कि शक्ति थी । प्रभु श्री कृष्ण उनसे मिले और महाभारत युद्घ कि जानकारी दी जिससे वह क्रोधित हो गए कि आपने महाभारत का इतना विनाशकारी युद्घ रोका क्यू नहीं । इसलिए में तुम्हे श्राप देता हू । प्रभु श्री कृष्ण ने उन्हे समझाए कि वह स्वयं त्रिलोक पति हैं उन पर किसी भी श्राप का असर नहीं होता और अगर आपने मुझे श्राप दिया तो आपका तपोबल शून्य हो जाएगा । फिर महर्षि ने प्रभु से क्षमा मांगी । श्री कृष्ण ने प्रसन्न होकर उनसे वरदान मांगने को कहा उन्होने उनसे कहा कि मुझे बस यह वरदान चाहिए कि मुझे जब भी जल कि आवश्यकता हो मुझे जल प्राप्त हो जाऐ प्रभु ने वरदान दे दिया । जब महर्षि को प्यास लगी तो उन्होने प्रभु श्री कृष्ण का अनुसरण किया और प्रभु श्री कृष्ण ने इन्द्र देव से उन्हे जल कि जगह अमृत पिलाने को कहा इन्द्र देव ने महर्षि कि परीक्षा लेने चंडाल का रूप लेकर चले गए और उन्हे जल पीने को कहा महर्षि ने कहा में चंडाल के हाँथ से अमृत तक नहीं पी सकता फिर पानी क्या हैं । और वह परीक्षा में असफल हो गए और अमृत से वंचित रह गए
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उत्तन्ग ऋषि कि भूल के कारण उन्हे नहीं मिला अमृत ।
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March 05, 2019
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