भाईदूज का पर्व क्यू मनाया जाता हैं जानिए
भाईदूज
नमस्कार दोस्तो आपका बहुत बहुत स्वागत हैं पौराणिक कथा चेनेल में दोस्तो आज हम बात करे जा रहे हैं भाईदूज के बारे में
भाईदूज का पर्व हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व हैं भ्रातृ द्वितीया (भाई दूज) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला हिन्दू धर्म का पर्व है जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं।
यह ऐसा पर्व हैं जो दीपावली के दो दिन बाद है, जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है एवं बहनें अपने भाई की खुशहाली के लिए कामना करती हैं।
पौराणिक कथा एवं हिंदू धर्म ग्रंथ के अनुसार कार्तिक शुक्ल द्वितीया को पूर्व काल में यमुना ने यमराज को अपने घर पर सत्कारपूर्वक भोजन कराया था। उस दिन नारकी जीवों को यातना से छुटकारा मिला और उन्हें तृप्त किया गया। वे पाप-मुक्त होकर सब बंधनों से छुटकारा पा गये और सब के सब यहां अपनी इच्छा के अनुसार संतोष पूर्वक रहे। उन सब ने मिलकर एक महान् उत्सव मनाया जो यमलोक के राज्य को सुख पहुंचाने वाला था। इसीलिए यह तिथि तीनों लोकों में यम द्वितीया के नाम से विख्यात हुई।जिस तिथि को यमुना ने यम को अपने घर भोजन कराया था, उस तिथि के दिन जो मनुष्य अपनी बहन के हाथ का उत्तम भोजन करता है उसे उत्तम भोजन समेत धन की प्राप्ति भी होती रहती है।
पुराण में कहा गया है कि कार्तिक शुक्लपक्ष की द्वितीया को पूर्वाह्न में यम की पूजा करके यमुना में स्नान करने वाला मनुष्य यमलोक को नहीं देखता अर्थात उसको मोक्ष प्राप्त हो जाती है
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भाईदूज पर्व क्यू मनाया जाता हैं जानिए
Reviewed by पौराणिक कथा चैनल
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November 09, 2018
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Happy bhaidoj
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