आंवला नवमी कि पूजा क्यू कि जाती हैं जानिए
नमस्कार दोस्तो आपका बहुत बहुत स्वागत हैं पौराणिक कथा चेनेल में दोस्तो आज़ हम बात करने जा रहे हैं आंवला नवमी अक्षय नवमी कि पूजा के बारे में हम आपको जानकारी देंगे आंवला नवमी कि पूजा क्यू मनाई जाती हैं आइए जानते हैं ।
आंवला नवमी
आंवला नवमी कि पूजा इसलिए मनाई जाती हैं कि पौराणिक कथाओं एवं हिंदू धर्म ग्रंथ के अनुसार आंवला नवमी पूजा त्रिलोक पति भगवान विष्णु जी कि पत्नी लक्ष्मी माता ने शुरुआत कि एक समय माता लक्ष्मी धरती भ्रमण करने आयीं। रास्ते में उन्हें भगवान विष्णु और शिवशंकर की पूजा एक साथ करने की इच्छा हुई। लक्ष्मी माता ने विचार किया कि एक साथ विष्णु जी एवं शिवशंकर जी की पूजा कैसे हो सकती है। तभी उन्हें ख्याल आया कि तुलसी एवं बेल का गुण एक साथ आंवले के पेड़ में ही पाया जाता है। तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय होती है और बेल पत्री भगवान शिवशंकर को।
आंवले के वृक्ष को विष्णु और शिव का प्रतीक चिन्ह मानकर मां लक्ष्मी ने आंवले की वृक्ष की पूजा की। पूजा से प्रसन्न होकर विष्णु और शिवशंकर प्रकट हुए। लक्ष्मी माता ने आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन बनाकर विष्णु जी और भगवान शिवशंकर को भोजन करवाया। इसके बाद स्वयं भोजन किया। उस दिन कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि थी। इसी दिन से यह पूजन कि परम्परा चली आ रही हैं
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आंवले के वृक्ष को विष्णु और शिव का प्रतीक चिन्ह मानकर मां लक्ष्मी ने आंवले की वृक्ष की पूजा की। पूजा से प्रसन्न होकर विष्णु और शिवशंकर प्रकट हुए। लक्ष्मी माता ने आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन बनाकर विष्णु जी और भगवान शिवशंकर को भोजन करवाया। इसके बाद स्वयं भोजन किया। उस दिन कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि थी। इसी दिन से यह पूजन कि परम्परा चली आ रही हैं
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आंवला नवमी कि पूजा क्यू कि जाती हैं जानिए
Reviewed by पौराणिक कथा चैनल
on
November 17, 2018
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