सत्यवती कौन थी । एवं जीवन परिचय जानिए
सत्यवती जी
नमस्कार दोस्तो आपका बहुत बहुत स्वागत हैं पौराणिक कथा चेनेल में दोस्तो आज हम बात करने जा रहे हैं सत्यवती जी के बारे में महाराजा शांतनु जी की पत्नी सत्यवती के बारे में दोस्तो आइए जानते हैं ।
पौराणिक कथा एवं हिंदू धर्म ग्रंथ महाभारत के अनुसार सत्यवती महाभारत की एक अत्यधिक महत्वपूर्ण पात्र है। उसका विवाह हस्तिनापुर नरेश महाराजा शान्तनु से हुआ। उसका मूल नाम 'मत्स्यगंधा था। वह पितामह ब्रह्मा के शाप से मत्स्यभाव को प्राप्त हुई अद्रिका नाम की अप्सरा के गर्भ से उपरिचर वसु द्वारा उत्पन्न एक कन्या थी। इसका ही नाम बाद में सत्यवती हुआ था।
मछली का पेट फाड़कर मल्लाहों ने एक बालक और एक बालिका को निकाला और राजा को सूचना दी। बालक को तो राजा ने पुत्र रूप से स्वीकार कर लिया लेकिन कन्या के शरीर से मत्स्य की गंध आने के कारण राजा ने मल्लाह को दे दिया। पिता की सेवा के लिये वह यमुना में नाव चलाया करती थी। और सहस्त्रार्जुन के
द्वारा पराशर मुनि जी को मृत मान कर मृतप्रायः छोड़ दिया गया था। माता सत्यवती ने पराशर मुनिराज की सेवा की और उन्हे जीवन दान दिया। महर्षि पराशर जी ने प्रसन्न होकर उनका मत्स्यभाव को नष्ट किया तथा शरीर से उत्तम गंध का वरदान दिया । वे गंधवती' नाम से भी प्रसिद्ध हुई। उसका नाम योजनगंधा भी था। उससे परम प्रतापी महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ। महाराजा शांतनु से उसका विवाह हुआ।
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द्वारा पराशर मुनि जी को मृत मान कर मृतप्रायः छोड़ दिया गया था। माता सत्यवती ने पराशर मुनिराज की सेवा की और उन्हे जीवन दान दिया। महर्षि पराशर जी ने प्रसन्न होकर उनका मत्स्यभाव को नष्ट किया तथा शरीर से उत्तम गंध का वरदान दिया । वे गंधवती' नाम से भी प्रसिद्ध हुई। उसका नाम योजनगंधा भी था। उससे परम प्रतापी महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ। महाराजा शांतनु से उसका विवाह हुआ।
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सत्यवती कौन थी । एवं जीवन परिचय जानिए
Reviewed by पौराणिक कथा चैनल
on
December 06, 2018
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