माता सरस्वती जी कि उत्पत्ति कैसे हुई
नमस्कार दोस्तो आपका बहुत बहुत स्वागत हैं पौराणिक कथा चेनेल में आज हम बात करने जा रहे माता सरस्वती जी के बारे में सरस्वती जी हिन्दू धर्म की प्रमुख देवियों में से एक हैं। वह वाणी की अधिष्ठात्री देवी है। इनका नामांतर 'शतरूपा'भी है
पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है जब ब्रह्मा देव ने सृष्टि की रचना की तो वह इस समस्त ब्रह्मांड में अकेले थे। ऐसे में उन्होंने अपने मुख से देवी सरस्वती, सान्ध्य, ब्राह्मी को उत्पन्न किया। सरवस्ती के सौंदर्य प्रति आकर्षित होने लगे और लगातार उन पर अपनी दृष्टि डाले रखते थे। ब्रह्मा की दृष्टि से बचने के लिए देवी सरस्वती चारों दिशाओं में छिपती रहीं लेकिन वह उनसे नहीं बच पाईं। इसलिए सरस्वती आकाश में जाकर छिप गईं, लेकिन अपने पांचवें सिर से ब्रह्मा ने उन्हें आकाश में भी खोज निकाला और उनसे सृष्टि की रचना में सहयोग करने का निवेदन किया। सरस्वती से विवाह करने के पश्चात सर्वप्रथम स्वयंभु मनु को जन्म दिया। ब्रह्मा और सरस्वती की यह संतान मनु को पृथ्वी पर जन्म लेने वाला पहला मानव कहा जाता है। लेकिन एक अन्य कथा के अनुसार स्वायंभुव मनु ब्रह्मा के मानस पुत्र थे
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